Rauntal, Uttarkashi, Uttarakhand
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यह मंदिर ब्रह्मपुरी रौन्तल पट्टी गमरी जिला उत्तरकाशी उत्तराखण्ड हिमालय पर्वत की एक चोटी पर अवस्थित है श्री केदार नृसिंह मंदिर के बारे में सदियां पुरानी है मान्यता है कि मिश्र कुल खानदान के कोई एक पूर्वज प्रतिवर्ष केदारनाथ धाम की यात्रा पर जाते थे । बुद्धत्व प्राप्ति होने पर अंतिम वर्ष की केदारनाथ के वक्त उन्होंने बड़े ही करुणपूर्वक महादेव से विनती की हे प्रभु प्रतिवर्ष आपके दर्शन हेतु आया करता लेकिन अब शरीर साथ नहीं दे रहा है अगले वर्ष से आना असम्भव लग रहा है । अत: मैं एक पत्थर प्रतीकात्मक रूप के इस केदारघाटी से ले जाना चाहता हु । जिसको मैं अपने गांव में स्थापित कर वही पूजा अर्चना करूंगा जब तक जीवित रहूंगा । तत्पश्चात मिश्र कुल खानदान के उस पूर्वज के द्वारा उस पत्थर की स्थापना इस स्थान पर की गयी । तब से लेकर आज तक पिंडी के स्वरूप के भगवान श्री केदारी नृसिंह की पूजा अर्चना भोग आदि की व्यवस्था सदियों से चली आ रही है । भगवान केदारी नृसिंह समस्त मनोकामना को प्रदान करने वाले हैं। यहां पर आने वाले समस्त भक्तों की मुराद पूरी होती हैं।
यह मंदिर ब्रह्मपुरी रौन्तल पट्टी गमरी जिला उत्तरकाशी उत्तराखण्ड हिमालय की चोटी पर स्थित है और बांज बुरांस व देवदारों के वृक्षों के घिरा हुआ है । इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता अपने आप में अद्वितीय है। चारों ओर फैले हरे-भरे वृक्ष, शांत वातावरण, और पवित्रता से भरी हवा यहां आने वाले हर व्यक्ति के मन को शांति प्रदान करती है। यहां का सुरम्य दृश्य किसी आध्यात्मिक आनंद से कम नहीं है। मंदिर की ऊँचाई से जब भक्त नीचे की ओर देखते हैं, तो वे चारों ओर फैली पहाड़ियों और घाटियों का अद्भुत दृश्य देख सकते हैं। ये सभी मिलकर इस स्थान को एक ऐसा दिव्य वातावरण प्रदान करते हैं जो मन को शांत करता है और आत्मा को सुकून देता है।
हमारा कर्तव्य है कि इस पवित्र स्थल को न केवल संरक्षित करें, बल्कि इसे और भी सुदृढ़ और सुविधाजनक
बनाएं, ताकि भक्तों को यहाँ आने पर कोई असुविधा न हो।
इसी उपदेश के साथ हमने एक के रूप में इस मंदिर के पुन निर्माण की जिम्मेदारी उठाई है । हम इस
मंदिर को एक ऐसे रूप में तैयार करना चाहते हैं, जहाँ लोग न केवल पूजा और ध्यान कर सकें, बल्कि
आरामदायक वातावरण में ठहरकर आत्मिक शांति का अनुभव कर सकें।